Subscribe Us

This is default featured slide 1 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.

This is default featured slide 2 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.

This is default featured slide 3 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.

This is default featured slide 4 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.

This is default featured slide 5 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.

कोरिया जिले में सिंचाई क्षमता में ढाई गुना वृद्धि, 25 वर्षों में खेती का चेहरा बदला

 सिंचाई रकबे में उल्लेखनीय बढ़ोतरी, 40 हजार से अधिक किसान ले रहे लाभ




कोरिया बैकुंठपुर/छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती वर्ष में कोरिया जिले ने सिंचाई के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। पिछले 25 वर्षों में जिले की कुल सिंचित रकबा में ढाई गुना से अधिक वृद्धि हुई है। वर्ष 2000 में जिले का सिंचित रकबा 18 हजार 13 हेक्टेयर था, जो अब बढ़कर 21 हजार 102 हेक्टेयर तक पहुँच गया है।

यदि सिंचाई प्रतिशत की बात करें तो यह वर्ष 2000 में 13.72 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 34.55 प्रतिशत हो गई है। यह वृद्धि जिले की कृषि व्यवस्था और जल संसाधन प्रबंधन में आए सकारात्मक परिवर्तन को दर्शाती है।

रबी फसलों के सिंचाई रकबे में भी उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। वर्ष 2000 में जहाँ मात्र 3 हजार 595 हेक्टेयर में रबी फसलों को सिंचाई सुविधा प्राप्त थी, वहीं अब यह क्षेत्र बढ़कर 5 हजार 469 हेक्टेयर तक पहुँच गया है।

जल संसाधन संभाग, बैकुंठपुर के अनुसार, वर्ष 2000 में जिले में 1 मध्यम और 63 लघु सिंचाई परियोजनाएँ संचालित थीं।वर्तमान में 2025 में यह संख्या 2 मध्यम और 58 लघु परियोजनाओं तक है। इस बीच अविभाजित कोरिया जिले की 43 लघु परियोजनाएँ नवगठित मनेंद्रगढ़ -चिरमिरी-भरतपुर जिले को हस्तांतरित की गई हैं।

वर्ष 2000 में 28 हजार 619 किसान सिंचाई परियोजनाओं से लाभान्वित हो रहे थे, जबकि अब यह संख्या बढ़कर 40 हजार 210 तक पहुँच गई है। जिले में वर्तमान में कुल 60 सिंचाई परियोजनाएँ संचालित हैं, जिनमें से 2 प्रमुख हैं।

यह उपलब्धि न केवल कोरिया जिले की कृषि उत्पादकता में वृद्धि का प्रतीक है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती और किसानों की जीवनशैली में आए सकारात्मक बदलाव का भी द्योतक है।



तीन दिन में केबल चोरी का खुलासा — पाँच आरोपी गिरफ्तार



कोरिया/चरचा, थाना चरचा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए केबल चोरी के मामले का मात्र तीन दिनों में खुलासा कर पाँच आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। चोरी की गई केबल की कीमत लगभग 80 हजार रुपये आंकी गई है।

जानकारी के अनुसार दिनांक 15 अक्टूबर 2025 को विवेकानंद कॉलोनी, चरचा निवासी धरमनारायण राजवाड़े ने थाना चरचा में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 14 अक्टूबर की रात 11 बजे से सुबह 6 बजे की शिफ्ट में कार्य के दौरान 56 लेवल पंप के पास रखे लगभग 450 मीटर लंबे केबल तार को अज्ञात चोरों ने काटकर चोरी कर लिया। चोरी की कीमत करीब 70 से 80 हजार रुपये बताई गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना चरचा में अपराध क्रमांक 201/2025 धारा 331(4), 305(ई) भारतीय न्याय संहिता के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू की गई।



गहन पूछताछ, साक्ष्य एकत्र कर और तकनीकी पहलुओं का उपयोग करते हुए पुलिस ने पाँच संदेहियों — मंगल उर्फ गोलू बसोर (24), पुरुषोत्तम उर्फ गोलर बसोर (21), मोहित बसोर (21), अयोध्या बसोर (19) एवं नितेश बसोर (19), सभी निवासी घुटरी दफाई, चरचा — को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में पाँचों ने केबल चोरी की घटना स्वीकार कर ली। आरोपियों को 17 अक्टूबर को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।

पुलिस की कार्रवाई जारी है और फरार अन्य आरोपियों की पतासाजी की जा रही है। आरोपियों ने चोरी की गई केबल को अपने पास रखकर बेचने की योजना कबूल की है।

इस सफलता में पुलिस अधीक्षक कोरिया  रवि कुमार कुर्रे के निर्देशन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  पंकज पटेल, एसडीओपी बैकुंठपुर  राजेश साहू के मार्गदर्शन तथा थाना प्रभारी चरचा निरीक्षक श्री प्रमोद पांडे के नेतृत्व में टीम ने बेहतरीन काम किया। इस टीम में उपनिरीक्षक अनिल सोनवानी, एएसआई बालकृष्ण राजवाड़े, प्रधान आरक्षक अमित त्रिपाठी, शशि भूषण, बृजेश सिंह, रूप नारायण सिंह, अजय राजवाड़े, मधु प्रसाद राजवाड़े, जय सिंह, राजेन्द्र सिंह, उमेश्वर राजवाड़े, महिला आरक्षक रंजना, सैनिक रविदास, सतीश सिंह, विकास सिंह एवं राजेश टांडे शामिल रहे। थाना चरचा पुलिस की त्वरित कार्रवाई से चोरी के मामले में बड़ी सफलता मिली है और इससे अपराधियों में पुलिस का खौफ साफ नजर आ रहा है।

राष्ट्रीय कॉन्क्लेव में राष्ट्रपति के हाथों कोरिया को मिला राष्ट्रीय सम्मान





केंद्रीय जनजातीय मंत्री  जुएल उरांव व केंद्रीय राज्यमंत्री  दुर्गा दास उइके भी रहे उपस्थित


धरती आबा जनजाति उत्कर्ष अभियान में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी को किया गया सम्मानित



कोरिया, बैकुंठपुर/भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कॉन्क्लेव ऑन ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ का आयोजन 17 अक्टूबर 2025 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में किया गया।

इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य को प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान और आदि कर्मयोगी अभियान में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय जनजाति कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम व केंद्रीय राज्यमंत्री श्री दुर्गा दास उइके की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ शासन के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा को सम्मानित किया गया। 

वहीं कोरिया जिले को 'धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान' में उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के हाथों  कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी को सम्मानित किया गया।

विदित हो कि 'धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान' के तहत जिले के 154 जनजाति बहुल ग्रामों में लगातार बुनियादी सुविधाओं के साथ उनके समग्र विकास के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। यह सम्मान कोरिया जिले में जनजातीय क्षेत्रों में नवाचार, जनसहभागिता एवं सतत विकास की दिशा में किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों की राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृति का प्रतीक है।

इसके अलावा जिला धमतरी को पीएम-जनमन अभियान में एवं जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी को अधोसंरचना विषय पर तथा छत्तीसगढ़ राज्य को स्वास्थ्य एवं पोषण विषय पर प्रस्तुतीकरण देने हेतु चयनित किया गया है।

सूरजपुर में 52 परियों का खेल जोरों पर – प्रशासन की खामोशी पर उठे सवाल



सूरजपुर। जिले में इन दिनों 52 परियों का अवैध जुआं खेल खुलेआम परवान चढ़ रहा है। सूत्रों के मुताबिक यह खेल केवल श्रीनगर थाना क्षेत्र तक ही सीमित नहीं, बल्कि सूरजपुर सिटी कोतवाली क्षेत्र से लेकर सीमावर्ती इलाकों तक फैला हुआ है। हर रोज़ लाखों–करोड़ों रुपये का अवैध लेन-देन इसी खेल के ज़रिए किया जा रहा है, जिससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ रहा है, बल्कि अपराध को भी अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा मिल रहा है।

जानकारी के अनुसार, इस पूरे नेटवर्क को कुछ प्रभावशाली लोगों का संरक्षण प्राप्त है। जबकि राज्य सरकार ने साफ निर्देश जारी किए हैं कि “काला बाज़ारी और अवैध कारोबार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा”, फिर भी जिले में अंतरराज्यीय जुआं फड़ का संचालित होना कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

स्थानीय निवासियों का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन की चुप्पी इस अवैध कारोबार को और ताकत दे रही है। सूत्रों का कहना है कि इस खेल में बाहरी राज्यों से भी खिलाड़ी आकर भाग ले रहे हैं, जिससे यह एक संगठित नेटवर्क का रूप ले चुका है।

आखिर जब सरकार सख्त कार्रवाई की बात कर रही है, तब जिले में इस अवैध जुए के अड्डे कौन चला रहा है और इन्हें संरक्षण कौन दे रहा है? प्रशासन और पुलिस विभाग की चुप्पी से यह संदेह और गहरा हो गया है कि कहीं न कहीं ऊपरी स्तर पर भी मिलीभगत है।

स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन और पुलिस विभाग से इस जुआं माफिया पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है ताकि जिले में फैल रहे इस अवैध कारोबार पर अंकुश लगाया जा सके और आम जनता में कानून व्यवस्था के प्रति भरोसा बहाल हो सके।

बसवाही की जयवती बनीं आत्मनिर्भरता की मिसाल — टमाटर की खुशबू पहुंची महाराष्ट्र तक

 



कोरिया,बैकुंठपुर//मेहनत लगन और आत्मविश्वास अगर साथ हो तो सफलता दूर नहीं रहती।इस बात को कोरिया जिले के सोनहत विकासखंड के ग्राम बसवाही की श्रीमती जयवती ने सच कर दिखाया है। अपने खेतों में उगाए टमाटर को उन्होंने न केवल आसपास के बाजारों तक पहुंचाया बल्कि अब इनकी पैदावार महाराष्ट्र की रसोई तक अपनी पहचान बना रही है।

जयवती ‘चमेली स्व सहायता समूह’ से जुड़ी हैं। अपने पति श्री गोपाल चेरवा के सहयोग से वे तीन एकड़ भूमि में टमाटर की खेती करती हैं। उनके पति धान की खेती और अन्य कृषि कार्यों में भी बराबरी से हाथ बंटाते हैं। जयवती बताती हैं, “कभी सोचा भी नहीं था कि हमारे गांव में उगाए टमाटर महाराष्ट्र तक जाएंगे, लेकिन अब यह हकीकत है।”

बेहतर पैदावार और लगातार मेहनत से आज उनका टमाटर बिलासपुर, रायपुर से लेकर महाराष्ट्र तक सप्लाई हो रहा है। इस खेती से उनके परिवार को सालाना करीब तीन लाख रुपये की आमदनी होती है, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति में बड़ा बदलाव आया है।

जयवती जैसी महिलाएं स्व-सहायता समूहों के माध्यम से न केवल अपने परिवार को संबल दे रही हैं, बल्कि ग्रामीण समाज में आत्मनिर्भरता और प्रगति की नई मिसाल भी कायम कर रही हैं।

बैकुंठपुर हेचरी को लेकर शासन का बड़ा फैसला — Restocking की प्रक्रिया जारी रहेगी, स्थानांतरण पर भी चल रहा विचार



कोरिया।बैकुंठपुर नगर के मध्य स्थित शासकीय कुक्कुट प्रक्षेत्र (हेचरी) को लेकर पिछले कुछ समय से उठ रहे विवाद के बीच अब शासन ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। भारत सरकार द्वारा कोरिया जिले को बर्ड फ्लू मुक्त घोषित करने के बाद राज्य शासन ने हैचरी को पुनः शुरू करने और Restocking की प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से आरंभ करने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों के विरोध को देखते हुए हेचरी को नगर से बाहर स्थानांतरित करने पर भी विचार किया जा रहा है।

बता दे कि पशु चिकित्सा सेवायें द्वारा 12 सितंबर को जारी पत्र में उल्लेख किया गया है कि बैकुंठपुर हेचरी लंबे समय से संचालित हो रही है और अब तक इससे कोई भी स्वास्थ्य संकट सामने नहीं आया है। विभाग ने बताया कि फार्म में भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार जैव सुरक्षा मानकों का पालन किया जाता है। नालियों और सीवेज की समुचित निकासी, स्वच्छता व्यवस्था और सेनेटाइजेशन की व्यवस्था विभाग द्वारा नियमित रूप से की जाती है।

पत्र में यह भी कहा गया है कि हेचरी बंद रहने से शासन को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान होगा। इसके साथ ही जिले के किसानों, हितग्राहियों, बेरोजगार युवाओं और मजदूरों को भी भारी आर्थिक क्षति होगी। विभाग का स्पष्ट मत है कि जब तक नई जगह पर स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक वर्तमान हैचरी से ही संचालन जारी रखा जाना हितकारी होगा।

जनप्रतिनिधियों का विरोध और शासन का जवाब

 गौरतलब है कि, कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने हेचरी नगर के बीच स्थित होने के कारण स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी खतरे की आशंका जताते हुए इसे नगर से बाहर स्थानांतरित करने की मांग की है। शासन ने इस विरोध को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि जनप्रतिनिधियों की आशंकाओं को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा रहा। इसके लिए नगर के बाहर उपयुक्त भूमि की पहचान की जा रही है, जहाँ एक नई आधुनिक हैचरी स्थापित की जाएगी। प्रस्तावित स्थान के लिए लगभग 15 एकड़ भूमि की आवश्यकता और करीब 25 करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान विभाग द्वारा लगाया गया है।

बर्ड फ्लू से मुक्ति के बाद Restocking की अनुमति

भारत सरकार ने 21 जुलाई 2025 को कोरिया  जिले को Highly Pathogenic Avian Influenza से मुक्त घोषित किया था। इसके बाद राज्य शासन ने 22 जुलाई और 14 अगस्त 2025 को पत्र जारी कर Restocking की अनुमति दी। विभाग ने स्पष्ट किया कि हेचरी संचालन पर कोई प्रतिबंध नहीं है और यह प्रक्रिया योजना के अनुसार जारी रहेगी। यह निर्णय स्थानीय बाजार में चूजों और अंडों की आपूर्ति को बनाए रखने और किसानों को राहत देने के लिए भी अहम है।

मजदूरों की आजीविका पर संकट

हेचरी के संचालन पर रोक से न केवल शासन को राजस्व की हानि हो रही है, बल्कि यहाँ कार्यरत मजदूरों की आजीविका पर भी संकट मंडरा गया है। मजदूरों ने हाल ही में कलेक्टर कोरिया को ज्ञापन सौंपकर अपनी परेशानी जाहिर की। उनका कहना है कि अचानक हेचरी बंद होने से उनकी आमदनी रुक गई है, जिससे परिवार के भरण-पोषण, बच्चों की पढ़ाई और दैनिक खर्च पूरे करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने प्रशासन से शीघ्र समाधान की मांग की है।

विगत सात माह से बंद पड़ी हेचरी आख़िर कब से होगा शुरू

विभाग ने जनप्रतिनिधियों, किसानों और मजदूरों — से सहयोग की अपील की है। विभाग का कहना है कि जब तक नई जगह का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो जाता, तब तक वर्तमान हैचरी से ही Restocking और संचालन जारी रखा जाएगा ताकि किसानों, हितग्राहियों और मजदूरों की आजीविका प्रभावित न हो। साथ ही सुरक्षा मानकों को और अधिक कड़ाई से लागू किया जाएगा ताकि जनप्रतिनिधियों की आशंकाएं भी दूर हों। लेकिन सवाल यह कि आखिर महीनों से बंद पड़े हेचरी से किसानों को चूजे कब तक मिलना प्रारम्भ हो पायेगा इस बात को लेकर भी नगर में चर्चाओं का दौर जारी है।




एक के बाद एक शिकायतों से घिरा डिप्टी डायरेक्टर कार्यालय PAIW कार्यकर्ताओं ने मानदेय भुगतान में रिश्वतखोरी के लगाए गंभीर आरोप

 



बैकुंठपुर, कोरिया। कोरिया जिले के पशुपालन विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपों ने एक बार फिर विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उप संचालक कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों पर PAIW कार्यकर्ताओं से मानदेय भुगतान के एवज में 20% कमीशन की मांग के गंभीर आरोप लगे हैं। एक ही दिन में तीन अलग-अलग PAIW कार्यकर्ताओं ने विभाग के खिलाफ लिखित शिकायतें दर्ज कराईं, जिनमें न केवल रिश्वत मांगने बल्कि रकम ट्रांसफर और वापस लौटाने तक की बात दर्ज है।इन शिकायतों ने डिप्टी डायरेक्टर विभा सिंह बघेल के अधीनस्थ कार्यालय की कार्यशैली पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।

 20% दिए बिना मानदेय भुगतान नहीं

ग्राम लटमा निवासी बुधराम देवांगन ने अपनी लिखित शिकायत में बताया कि 01 अप्रैल 2020 से आज तक मेरा मानदेय भुगतान नहीं किया गया। जबकि जो लोग 20% राशि देते हैं, उनका भुगतान राजेन्द्र बाबू बराबर कर रहे हैं। डॉ. विभा सिंह बघेल और संचालक महोदय से कई बार मौखिक अनुरोध करने पर कहा गया कि ‘20% रिश्वत ऊपर देना पड़ेगा तभी भुगतान हो पाएगा।’ मैंने मना किया तो बोला गया ‘जहां जाना है जाओ, किसी से डर नहीं है।उन्होंने आगे लिखा राजेन्द्र बाबू शाखा प्रभारी का कहना है कि जब तक 20% रिश्वत राशि पहले नहीं दोगे, तब तक मानदेय नहीं बनेगा। जो दे रहे हैं, उनका भुगतान हो रहा है और ऊपर भी देना पड़ता है।वही ग्राम चिरोली निवासी सुरेश कुमार पावले ने अपनी शिकायत में कहा मैं गरीब परिवार से हूं। 20% रिश्वत देने में असमर्थ हूं। 2021 से मेरा मानदेय भुगतान लंबित है। कई बार अधिकारियों से निवेदन किया लेकिन भुगतान नहीं हुआ। भुगतान में देरी की वजह साफ है -रिश्वत न देना

 एक लाख अठारह हजार फोनपे से दिए, शिकायत पर राशि लौटी

PAIW कार्यकर्ता विकास कुमार साहू ने विभाग पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहाअक्टूबर 2022 से रुकी ₹23,07,850 की मानदेय राशि के भुगतान के एवज में कार्यालय में पदस्थ कर्मचारी ने ₹1,18,000 की रिश्वत की मांग की। मैंने यह राशि किस्तों में फोनपे के जरिए ट्रांसफर की। जब मैंने यह मामला कलेक्टर कोरिया के जनदर्शन सहित विभाग के उच्च अधिकारियों को शिकायत करने पर ली गई रिश्वत राशि मुझे वापस लौटा दी गई।इस बयान ने विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपों को और भी मज़बूती से साबित कर दिया।PAIW कार्यकर्ता बुधराम देवांगन, सुरेश कुमार पावले और विकास कुमार साहू ने उप संचालक पशुपालन विभाग कोरिया, संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं रायपुर और कलेक्टर कोरिया को अपनी शिकायतों की प्रतियां सौंपी है।

विभाग की चुप्पी और जांच समिति पर सवाल

रिश्वत की राशि लौटाए जाने के बाद भी विभाग ने न तो किसी कर्मचारी पर कार्रवाई की और न ही कोई FIR दर्ज की। इसके बजाय एक विभागीय जांच समिति गठित कर दी गई है, जिसे लेकर PAIW कार्यकर्ताओं का आरोप है कि यह शिकायत को दबाने की कोशिश है।गौरतलब है कि इससे पहले भी पशुपालन विभाग में दवा खरीदी और कार्यालय मरम्मत में अनियमितताओं की खबरें सुर्खियों में रही हैं।शिकायतकर्ताओं ने मांग की है कि रिश्वत लेने में शामिल कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और उनका वर्षों से लंबित मानदेय तुरंत जारी किया जाए। उनका कहना है कि जांच समिति बनाकर विभाग मामले को ठंडे बस्ते में डालना चाहता है, लेकिन इस बार वे पीछे नहीं हटेंगे।अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन और विभाग इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।