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सूरजपुर में 52 परियों का खेल जोरों पर – प्रशासन की खामोशी पर उठे सवाल



सूरजपुर। जिले में इन दिनों 52 परियों का अवैध जुआं खेल खुलेआम परवान चढ़ रहा है। सूत्रों के मुताबिक यह खेल केवल श्रीनगर थाना क्षेत्र तक ही सीमित नहीं, बल्कि सूरजपुर सिटी कोतवाली क्षेत्र से लेकर सीमावर्ती इलाकों तक फैला हुआ है। हर रोज़ लाखों–करोड़ों रुपये का अवैध लेन-देन इसी खेल के ज़रिए किया जा रहा है, जिससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ रहा है, बल्कि अपराध को भी अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा मिल रहा है।

जानकारी के अनुसार, इस पूरे नेटवर्क को कुछ प्रभावशाली लोगों का संरक्षण प्राप्त है। जबकि राज्य सरकार ने साफ निर्देश जारी किए हैं कि “काला बाज़ारी और अवैध कारोबार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा”, फिर भी जिले में अंतरराज्यीय जुआं फड़ का संचालित होना कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

स्थानीय निवासियों का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन की चुप्पी इस अवैध कारोबार को और ताकत दे रही है। सूत्रों का कहना है कि इस खेल में बाहरी राज्यों से भी खिलाड़ी आकर भाग ले रहे हैं, जिससे यह एक संगठित नेटवर्क का रूप ले चुका है।

आखिर जब सरकार सख्त कार्रवाई की बात कर रही है, तब जिले में इस अवैध जुए के अड्डे कौन चला रहा है और इन्हें संरक्षण कौन दे रहा है? प्रशासन और पुलिस विभाग की चुप्पी से यह संदेह और गहरा हो गया है कि कहीं न कहीं ऊपरी स्तर पर भी मिलीभगत है।

स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन और पुलिस विभाग से इस जुआं माफिया पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है ताकि जिले में फैल रहे इस अवैध कारोबार पर अंकुश लगाया जा सके और आम जनता में कानून व्यवस्था के प्रति भरोसा बहाल हो सके।

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