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एक के बाद एक शिकायतों से घिरा डिप्टी डायरेक्टर कार्यालय PAIW कार्यकर्ताओं ने मानदेय भुगतान में रिश्वतखोरी के लगाए गंभीर आरोप

 



बैकुंठपुर, कोरिया। कोरिया जिले के पशुपालन विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपों ने एक बार फिर विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उप संचालक कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों पर PAIW कार्यकर्ताओं से मानदेय भुगतान के एवज में 20% कमीशन की मांग के गंभीर आरोप लगे हैं। एक ही दिन में तीन अलग-अलग PAIW कार्यकर्ताओं ने विभाग के खिलाफ लिखित शिकायतें दर्ज कराईं, जिनमें न केवल रिश्वत मांगने बल्कि रकम ट्रांसफर और वापस लौटाने तक की बात दर्ज है।इन शिकायतों ने डिप्टी डायरेक्टर विभा सिंह बघेल के अधीनस्थ कार्यालय की कार्यशैली पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।

 20% दिए बिना मानदेय भुगतान नहीं

ग्राम लटमा निवासी बुधराम देवांगन ने अपनी लिखित शिकायत में बताया कि 01 अप्रैल 2020 से आज तक मेरा मानदेय भुगतान नहीं किया गया। जबकि जो लोग 20% राशि देते हैं, उनका भुगतान राजेन्द्र बाबू बराबर कर रहे हैं। डॉ. विभा सिंह बघेल और संचालक महोदय से कई बार मौखिक अनुरोध करने पर कहा गया कि ‘20% रिश्वत ऊपर देना पड़ेगा तभी भुगतान हो पाएगा।’ मैंने मना किया तो बोला गया ‘जहां जाना है जाओ, किसी से डर नहीं है।उन्होंने आगे लिखा राजेन्द्र बाबू शाखा प्रभारी का कहना है कि जब तक 20% रिश्वत राशि पहले नहीं दोगे, तब तक मानदेय नहीं बनेगा। जो दे रहे हैं, उनका भुगतान हो रहा है और ऊपर भी देना पड़ता है।वही ग्राम चिरोली निवासी सुरेश कुमार पावले ने अपनी शिकायत में कहा मैं गरीब परिवार से हूं। 20% रिश्वत देने में असमर्थ हूं। 2021 से मेरा मानदेय भुगतान लंबित है। कई बार अधिकारियों से निवेदन किया लेकिन भुगतान नहीं हुआ। भुगतान में देरी की वजह साफ है -रिश्वत न देना

 एक लाख अठारह हजार फोनपे से दिए, शिकायत पर राशि लौटी

PAIW कार्यकर्ता विकास कुमार साहू ने विभाग पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहाअक्टूबर 2022 से रुकी ₹23,07,850 की मानदेय राशि के भुगतान के एवज में कार्यालय में पदस्थ कर्मचारी ने ₹1,18,000 की रिश्वत की मांग की। मैंने यह राशि किस्तों में फोनपे के जरिए ट्रांसफर की। जब मैंने यह मामला कलेक्टर कोरिया के जनदर्शन सहित विभाग के उच्च अधिकारियों को शिकायत करने पर ली गई रिश्वत राशि मुझे वापस लौटा दी गई।इस बयान ने विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपों को और भी मज़बूती से साबित कर दिया।PAIW कार्यकर्ता बुधराम देवांगन, सुरेश कुमार पावले और विकास कुमार साहू ने उप संचालक पशुपालन विभाग कोरिया, संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं रायपुर और कलेक्टर कोरिया को अपनी शिकायतों की प्रतियां सौंपी है।

विभाग की चुप्पी और जांच समिति पर सवाल

रिश्वत की राशि लौटाए जाने के बाद भी विभाग ने न तो किसी कर्मचारी पर कार्रवाई की और न ही कोई FIR दर्ज की। इसके बजाय एक विभागीय जांच समिति गठित कर दी गई है, जिसे लेकर PAIW कार्यकर्ताओं का आरोप है कि यह शिकायत को दबाने की कोशिश है।गौरतलब है कि इससे पहले भी पशुपालन विभाग में दवा खरीदी और कार्यालय मरम्मत में अनियमितताओं की खबरें सुर्खियों में रही हैं।शिकायतकर्ताओं ने मांग की है कि रिश्वत लेने में शामिल कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और उनका वर्षों से लंबित मानदेय तुरंत जारी किया जाए। उनका कहना है कि जांच समिति बनाकर विभाग मामले को ठंडे बस्ते में डालना चाहता है, लेकिन इस बार वे पीछे नहीं हटेंगे।अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन और विभाग इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।


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