Subscribe Us

This is default featured slide 1 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.

This is default featured slide 2 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.

This is default featured slide 3 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.

This is default featured slide 4 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.

This is default featured slide 5 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.

डिप्टी डायरेक्टर की हठधर्मिता,मानदेय भुगतान में गड़बड़ी, रिश्वतखोरी का आरोप ? फिर भी खुद को पाकसाफ दिखाने जांच समिति के नाम जोर आजमाइश की कोशिश

 


बैैकुंठपुर,कोरिया/कोरिया जिले के पशु पालन विभाग में  पदस्थ डिप्टी डायरेक्टर डॉ विभा सिंह बघेल अपने विभागीय दायित्वों के निर्वहन को लेकर खासे चर्चे में है। उनके जिला कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों ने उनके नाक के नीचे या यूं कहें कि उनके मौन स्वीकृति से एक बार फिर विभाग को कटघरे में ला खड़ा कर दिया।खैर कोरिया के पशुपालन विभाग में यह कोई नया मामला नही है, पूर्व में भी दवा खरीदी सहित कार्यालय मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये की अनियमितता की बाते अखबारों की सुर्खियों बनी रही। 

ताजा मामला सीधे उप संचालक के कार्यालय से जुड़ा है,जहां एक  PAIW कार्यकर्ता ने मानदेय भुगतान को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि अक्टूबर 2022 से अब तक का 23 लाख 7 हज़ार 850 रुपये का मानदेय उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है, जबकि इस अवधि में वे लगातार कार्य कर रहे हैं।पीड़ित का आरोप है कि विभागीय स्तर पर उनके मानदेय की राशि को रोके जाने एव भुगतान करने के एवज में  रिश्वत की मांग की गई। शिकायत पत्र के अनुसार, उनसे 1 लाख 18 हज़ार रुपये की मांग की गई और उन्होंने कार्यालय में पदस्थ एक बाबू के कहने पर उक्त रिश्वत की राशि कार्यालय में ही पदस्थ एक अन्य कर्मचारी के फोनपे में किस्तो में एक लाख से अधिक की राशि किस्तो में ट्रांसफर किया।यही नही इस संबंध में पीड़ित ने उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं बैकुंठपुर से लेकर संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं रायपुर तक आवेदन दिया है, लेकिन अब तक किसी भी स्तर से समाधान नहीं हुआ।

शिकायत के बाद रिश्वत की राशि लौटाई गई


शिकायतकर्ता विकास कुमार साहू ने कलेक्टर कोरिया के  जनदर्शन सहित विभाग में इसकी शिकायत की तब रिश्वत की रकम उन्हें वापस लौटा दी गई।इस पूरे घटनाक्रम में एक बात तो तय माना जा सकता है कि डिप्टी डायरेक्टर कार्यालय में पदस्थ कर्मचारी रिश्वत लेने में किस कदर हावी है।इस पूरे मामले में रिश्वत लेने और रिश्वत की राशि को वापस किये जाने के उपरांत भी डिप्टी डायरेक्टर को चाहिए था कि पूरे रिश्वत लेने और वापस करने में संलिप्त दोषियों कार्रवाई करने की बजाए एक ईमानदार मानदेय में कार्यरत व्यक्ति के शिकायतों की जांच के लिए समिति गठित की जा रही है,ताकि शिकायत कर्ता द्वारा किये गए शिकायत को जाँच विभागीय जाँच समिति के रिपोर्ट अनुसार उसे  झुठलाया जा सके।

कोरिया में अवैध नशीली दवाओं के कारोबार पर पुलिस-औषधि विभाग ने की कार्रवाई

 

मुखबिर की सूचना पर रंगे हाथ पकड़ा आरोपी



कोरिया,बैकुंठपुर/राज्य शासन के निर्देश एवं नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन के मार्गदर्शन में जिले में अवैध औषधि कारोबार पर नियंत्रण के लिए लगातार निगरानी और जांच जारी है। इसी कड़ी में पुलिस और औषधि विभाग की संयुक्त टीम ने बैकुंठपुर थाना क्षेत्र में मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई करते हुए आरोपी प्रियांसु साहू उर्फ छोटू (20 वर्ष) को रंगेहाथ पकड़ लिया।


जाँच के दौरान आरोपी के कब्जे से कुल 28 नग नशीले इंजेक्शन (बुप्रेनोर्फिन एवं फेनिरामाइन मेलेटेट) बरामद किए गए, जिनकी बाजार कीमत लगभग 7000 रुपए आंकी गई। आरोपी वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सका। उसे धारा 22(ब) एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश किया गया।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि वे अवैध औषधियों और नशीले पदार्थों के प्रयोग और खरीद-फरोख्त से दूर रहें। किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की सूचना तुरंत औषधि विभाग या पुलिस को दें।

सांसद महंत ने किया हवलदार डॉ. महेश मिश्रा का सम्मान


जनसेवा और जीवन रक्षा कार्यों को बताया अनुकरणीय


कोरिया,बैकुंठपुर
/सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरणदास महंत बुधवार को ग्राम खैरी पहुंचीं, जहां उन्होंने नगर सेना हवलदार एवं ट्रैफिक मैन के नाम से प्रसिद्ध डॉ. महेश मिश्रा को सम्मानित किया। स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति द्वारा गृह रक्षक एवं नागरिक सुरक्षा पदक से नवाजे जाने पर सांसद महंत ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मिश्रा जी ने “तन समर्पित, मन समर्पित, जीवन समर्पित समाज सेवा के नाम” की भावना को साकार कर दिखाया है।

सांसद महंत ने कहा कि डॉ. मिश्रा जैसे समर्पित कर्मियों पर हम सबको गर्व है। उनके प्रयासों से न केवल प्रदेश और देश का मान बढ़ता है बल्कि आम नागरिकों में जीवन रक्षा जैसे पुण्य कार्यों के प्रति सकारात्मक संदेश भी जाता है।

गौरतलब है कि हवलदार डॉ. महेश मिश्रा पिछले दो दशकों से लगातार जनजागरूकता और समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने अब तक सैकड़ों लोगों की जान बचाकर सेवा कार्य की मिसाल पेश की है। इन्हीं उत्कृष्ट योगदानों के कारण उन्हें राष्ट्रपति पदक से अलंकृत किया गया, जिससे पूरा छत्तीसगढ़ और विशेषकर कोरिया जिला गौरव का अनुभव कर रहा है।

इस अवसर पर सांसद महंत के साथ योगेश शुक्ला, वेदांती तिवारी, विनोद शर्मा, सूरज महंत, भूपेंद्र यादव, सौरभ गुप्ता, जगदीश कुशवाहा सहित ग्राम पंचायत डकईपारा की सरपंच कातो बाई, उपसरपंच शशिकला मिश्रा तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। सभी ने डॉ. मिश्रा को शुभकामनाएं और सम्मान अर्पित किया।

हेचरी बंद होने से मजदूरों की रोज़ी-रोटी पर संकट, कलेक्टर कोरिया को सौंपा ज्ञापन



बर्ड फ्लू के बाद से बंद पड़ा हेचरी

कोरिया/बैकुंठपुर- नगर स्थित शासकीय कुक्कुट प्रक्षेत्र (हेचरी) बंद होने से वहाँ कार्यरत मजदूरों के सामने रोज़ी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। अपनी कठिनाइयों को लेकर मजदूरों ने कलेक्टर कोरिया को ज्ञापन सौंपा और कहा कि हैचरी बंद रहने से उनकी आय का साधन पूरी तरह छिन गया है।

मजदूरों की पीड़ा

मजदूरों का कहना है कि हैचरी से उनकी आजीविका जुड़ी थी। अचानक संचालन रुक जाने से परिवार के पालन-पोषण, बच्चों की पढ़ाई और घरेलू खर्च पूरे करना कठिन हो गया है। ज्ञापन में उन्होंने अपनी आर्थिक समस्या स्पष्ट करते हुए शासन-प्रशासन से शीघ्र समाधान की मांग की है।

हेचरी में कार्य करने वाले मजदूरों ने कलेक्टर को दिए ज्ञापन में बताया कि,बर्ड फ्लू के कारण हेचरी का संचालन बन्द कर दिया गया था लेकिन अब बर्ड फ्लू से हेचरी पूरी तरह मुक्त है जिससे शुरू किया जाना चाहिए।मजदूरों ने कहां कि काम बंद होने से वे बेरोज़गार हो गए हैं और अब उनके सामने रोज़मर्रा का खर्च निकालना भी मुश्किल है। उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई कि उनकी जीविका बचाने के लिए उचित कदम उठाए जाएँ।

गौरतलब है कि, हेचरी को पुनः शुरू करने के शासन के निर्णय का कुछ स्थानीय नगरवासी/जनप्रतिनिधि लगातार विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि हेचरी नगर के बीच बसी हुई है, जिससे स्वच्छता और स्वास्थ्य पर खतरा हो सकता है। इसी कारण उन्होंने हैचरी को नगर से बाहर स्थानांतरित करने की मांग की है।


बादलखोल अभयारण्य में लकड़ी तस्करों का खेल,विभागीय मिलीभगत से हरा जंगल हो रहा तबाह

  वन माफियाओं का बढ़ता दबदबा… परिक्षेत्र अधिकारी की लापरवाही या फिर अंदरूनी सांठगांठ?



नारायणपुर/जशपुरनगर,बादलखोल अभयारण्य एक बार फिर से सुर्खियों में है। बीते माह  साहीडांड़ बिट क्षेत्र में वर्षों पुराने साल वृक्षों को तस्करों ने बेरहमी से काट डाला। भारी-भरकम पेड़ों के गिरने से आसपास और वृक्ष भी टूटकर बर्बाद हो गए। इतना बड़ा घटनाक्रम घटित हो गया और वन विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी, यह महज लापरवाही है या फिर अंदरूनी मिलीभगत, बड़ा सवाल यही है।

सूत्रों के मुताबिक तस्करों ने आधुनिक  मशीन से पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया। रात भर चली कटाई की भनक तक परिक्षेत्र अधिकारी या उनके अधीनस्थ स्टाफ को नहीं लगी। जबकि इस इलाके में लगातार अवैध कटान और तस्करी की घटनाएं सामने आती रही हैं।

विभाग की भूमिका पर उठे सवाल

घटना ने सीधे-सीधे वन परिक्षेत्र अधिकारी के कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि बिना विभागीय मिलीभगत के इतने बड़े पैमाने पर कटाई संभव नहीं।हालांकि विभाग का दावा है कि "तस्करों की पतासाजी की जा रही है", लेकिन अब तक किसी बड़े आरोपी तक पहुंच नहीं सकी है। यही वजह है कि विभाग की जवाबदेही और पारदर्शिता पर लगातार प्रश्नचिह्न लग रहे हैं।

 इस पूरे मामले में पर्यावरण प्रेमियों ने गंभीर सवाल उठाया है उनका मानना है कि वन विभाग की मिलीभगत के बिना इतने बड़े पैमाने पर कटाई संभव है।परिक्षेत्र अधिकारी और और उनके अधीनस्थ आखिर किसे बचा रहे हैं,लगातार हो रही घटनाओं के बावजूद निगरानी और गश्ती क्यों नाकाम है,क्या भ्रष्टाचार की जड़ें विभाग के भीतर तक फैली हुई हैं?

बता दे कि,बादलखोल अभयारण्य की ताज़ा घटना ने वन विभाग की साख और पारदर्शिता दोनों पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं। हरे-भरे जंगल तस्करों के लिए कब तक खुले बाजार बने रहेंगे।अगर उच्च अधिकारी तत्काल कठोर कदम नहीं उठाते, दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती और मिलीभगत की जांच नहीं की जाती, तो यह अभयारण्य आने वाले समय में केवल कागज़ों और सरकारी फाइलों में ही सुरक्षित रह जाएगा।

बैकुंठपुर हैचरी को लेकर विरोध तेज, लेकिन शासन का निर्णय – बंद होने से राजस्व व हितग्राहियों को भारी नुकसान


शासकीय कुक्कुट पालन परिक्षेत्र बैकुंठपुर

कोरिया,छत्तीसगढ़ी/बैकुंठपुर नगर के बीच स्थित शासकीय कुक्कुट प्रक्षेत्र (हैचरी) को पुनः शुरू करने की अनुमति सरकार ने प्रदान कर दी है। हाल ही में भारत सरकार और राज्य पशु चिकित्सा सेवाओं ने रायगढ़ और कोरिया जिले के पोल्ट्री फार्म को Highly Pathogenic Avian Influenza (बर्ड फ्लू) से मुक्त घोषित करते हुए Restocking की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी किया।

स्थानीय स्तर पर विरोध

हालाँकि, इस निर्णय का कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने विरोध किया है। उनका तर्क है कि हैचरी शहर के बीच बसी हुई है, जिससे स्वच्छता और स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। इसलिए इसे नगर से बाहर स्थानांतरित करने की मांग की जा रही है।

विभागीय पक्ष और वास्तविकता

वहीं, पशु चिकित्सा विभाग का कहना है कि हैचरी को लंबे समय से संचालित किया जा रहा है और यहाँ से अब तक किसी भी प्रकार का स्वास्थ्य संकट सामने नहीं आया। विशेषज्ञों द्वारा निगरानी और सख्त जैव सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाता है।

इसके अलावा, यदि हैचरी को बंद कर दिया गया तो शासन को प्रतिवर्ष लाखों रुपये का राजस्व नुकसान होगा। इसके अलावा जिले व जिले से बाहर के लाभान्वित होने वाले सैकड़ों किसान, बेरोजगार युवा और छोटे व्यवसायी प्रभावित होंगे। वहीं चूजों और अंडों की स्थानीय आपूर्ति रुक जाएगी, जिससे बाजार व्यवस्था और कीमतों पर असर पड़ेगा।

शासन का स्पष्ट निर्देश

21 जुलाई 2025 को भारत सरकार के आदेश और 22 जुलाई व 14 अगस्त 2025 को राज्य सरकार के पत्रों में साफ तौर पर कहा गया है कि रायगढ़ और कोरिया के पोल्ट्री फार्म बर्ड फ्लू से पूरी तरह मुक्त हैं। यहाँ Restocking की प्रक्रिया जारी रहेगी। हैचरी संचालन पर किसी प्रकार की रोक नहीं है।

किसानों और हितग्राहियों की राय

स्थानीय किसानों का कहना है कि हैचरी उनके लिए रोजगार और आय का महत्वपूर्ण साधन है। यदि यह बंद हो जाती है तो उन्हें बाहर से महंगे दामों पर चूजे और अंडे मंगवाने पड़ेंगे, जिससे उनकी लागत बढ़ जाएगी और मुनाफा घटेगा।

हालांकि कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों का विरोध अपनी जगह जायज है, लेकिन जब तक हैचरी के लिए उपयुक्त वैकल्पिक स्थान उपलब्ध नहीं हो जाता, तब तक किसानों और हितग्राहियों के हित में इसका संचालन सुचारू रूप से जारी रहना आवश्यक है।

विशेषज्ञों और विभागीय अधिकारियों का मानना है कि जनप्रतिनिधियों की आशंका को दूर करने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपायों को और सख्ती से लागू किया जा सकता है, लेकिन हैचरी बंद करना समाधान नहीं है। यह केंद्र न केवल राजस्व का स्रोत है बल्कि जिले के हजारों हितग्राहियों की आजीविका से भी जुड़ा हुआ है। इसलिए हैचरी का संचालन जारी रहना आवश्यक है।


जिला स्तरीय आधार कार्ड समस्या निवारण शिविर का आयोजन




कोरिया/जिला प्रशासन एवं समाज कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आज जिला मुख्यालय पर मानस भवन में जिला स्तरीय आधार कार्ड समस्या निवारण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में जिले भर से हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया, जिनमें वृद्धजन, दिव्यांगजन और स्कूली बच्चे विशेष रूप से शामिल थे। यूआईडीएआई के विशेषज्ञों की उपस्थिति में आयोजित इस शिविर में आधार से संबंधित बायोमेट्रिक मिसमैचिंग, मल्टीपल रीजेक्शन के प्रकरणों का त्वरित निराकरण किया गया। साथ ही, आधार कार्ड बनवाने में आ रही विभिन्न समस्याओं का समाधान भी किया गया। इस दौरान उपस्थित अधिकारियों ने लोगों को आधार कार्ड से जुड़ी आवश्यक जानकारी भी प्रदान की। शिविर का उद्देश्य आधार कार्ड से संबंधित समस्याओं का तुरंत समाधान कर जनता को राहत पहुंचाना रहा। 
 प्रशासन का कहना है कि ऐसे शिविरों का आयोजन भविष्य में भी जारी रहेगा, ताकि नागरिकों को आधार से जुड़ी सभी आवश्यक सेवाएं आसानी से मिल सकें।