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बैकुंठपुर हैचरी को लेकर विरोध तेज, लेकिन शासन का निर्णय – बंद होने से राजस्व व हितग्राहियों को भारी नुकसान


शासकीय कुक्कुट पालन परिक्षेत्र बैकुंठपुर

कोरिया,छत्तीसगढ़ी/बैकुंठपुर नगर के बीच स्थित शासकीय कुक्कुट प्रक्षेत्र (हैचरी) को पुनः शुरू करने की अनुमति सरकार ने प्रदान कर दी है। हाल ही में भारत सरकार और राज्य पशु चिकित्सा सेवाओं ने रायगढ़ और कोरिया जिले के पोल्ट्री फार्म को Highly Pathogenic Avian Influenza (बर्ड फ्लू) से मुक्त घोषित करते हुए Restocking की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी किया।

स्थानीय स्तर पर विरोध

हालाँकि, इस निर्णय का कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने विरोध किया है। उनका तर्क है कि हैचरी शहर के बीच बसी हुई है, जिससे स्वच्छता और स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। इसलिए इसे नगर से बाहर स्थानांतरित करने की मांग की जा रही है।

विभागीय पक्ष और वास्तविकता

वहीं, पशु चिकित्सा विभाग का कहना है कि हैचरी को लंबे समय से संचालित किया जा रहा है और यहाँ से अब तक किसी भी प्रकार का स्वास्थ्य संकट सामने नहीं आया। विशेषज्ञों द्वारा निगरानी और सख्त जैव सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाता है।

इसके अलावा, यदि हैचरी को बंद कर दिया गया तो शासन को प्रतिवर्ष लाखों रुपये का राजस्व नुकसान होगा। इसके अलावा जिले व जिले से बाहर के लाभान्वित होने वाले सैकड़ों किसान, बेरोजगार युवा और छोटे व्यवसायी प्रभावित होंगे। वहीं चूजों और अंडों की स्थानीय आपूर्ति रुक जाएगी, जिससे बाजार व्यवस्था और कीमतों पर असर पड़ेगा।

शासन का स्पष्ट निर्देश

21 जुलाई 2025 को भारत सरकार के आदेश और 22 जुलाई व 14 अगस्त 2025 को राज्य सरकार के पत्रों में साफ तौर पर कहा गया है कि रायगढ़ और कोरिया के पोल्ट्री फार्म बर्ड फ्लू से पूरी तरह मुक्त हैं। यहाँ Restocking की प्रक्रिया जारी रहेगी। हैचरी संचालन पर किसी प्रकार की रोक नहीं है।

किसानों और हितग्राहियों की राय

स्थानीय किसानों का कहना है कि हैचरी उनके लिए रोजगार और आय का महत्वपूर्ण साधन है। यदि यह बंद हो जाती है तो उन्हें बाहर से महंगे दामों पर चूजे और अंडे मंगवाने पड़ेंगे, जिससे उनकी लागत बढ़ जाएगी और मुनाफा घटेगा।

हालांकि कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों का विरोध अपनी जगह जायज है, लेकिन जब तक हैचरी के लिए उपयुक्त वैकल्पिक स्थान उपलब्ध नहीं हो जाता, तब तक किसानों और हितग्राहियों के हित में इसका संचालन सुचारू रूप से जारी रहना आवश्यक है।

विशेषज्ञों और विभागीय अधिकारियों का मानना है कि जनप्रतिनिधियों की आशंका को दूर करने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपायों को और सख्ती से लागू किया जा सकता है, लेकिन हैचरी बंद करना समाधान नहीं है। यह केंद्र न केवल राजस्व का स्रोत है बल्कि जिले के हजारों हितग्राहियों की आजीविका से भी जुड़ा हुआ है। इसलिए हैचरी का संचालन जारी रहना आवश्यक है।


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